Mpnews24/nagda: 1850 के दशक से वर्तमान तक के फोटोग्राफी परिदृश्य पर आधारित लंदन से प्रकाशित पुस्तक ’फोटोग्राफी इन इंडिया’ में नागदा के ख्यात फोटोग्राफर सुरेश पंजाबी के चित्रों को विशेष स्थान मिला हैं। नथानिएल गाॅस्केल एव दिवा गुजराल द्वारा लिखी इस पुस्तक में सुहाग स्टुडियो के माध्यम से श्री पंजाबी द्वारा 35 एमएम निगेटीव वाले कैमरे से जिस प्रकार की फोटोग्राफी की उसकी मिसाल पुरी दुनिया में बहुत कम ही देखने को मिलती है। ’स्टूडियो सुहाग के संयुक्त चित्र’ शीर्षक से प्रकाशित इस लेख में श्री पंजाबी के कई छायाचित्रों को भी प्रकाशित किया है जो नगर ही नहीं देश को गौरवान्वित किए हुए हैं।
पंजाबी के प्रति लेखक के विचार लेखक अपने लेख में स्टूडियो सुहाग के छायचित्रों के साथ लिखते हैं कि सुरेश पंजाबी ने 1979 में मध्य भारत के छोटे से औद्योगिक शहर नागदा में अपने भाई महेश के साथ स्टूडियो सुहाग की स्थापना की। कई मायनों में यह भारत का हजारों शहरों में से कोई एक अपने समय और स्थान का एक पूरी तरह से विशिष्ट स्टूडियो था। स्टूडियो सुहाग के प्रचलन में आने के कारण ब्रिटिश मानवविज्ञानी और फोटोग्रॉफी इतिहासकार क्रिस्टोफर पिन्नी द्वारा अपनी नागदा की यात्रा के दौरान श्री पंजाबी की कला को देखा और अनुमानित 50 हजार 35 मिमी और निगेटीव (रोल केमरे) के बडे संग्रह पर हैरानी व्यक्त की। पिन्नी ने उक्त संग्रह को वर्ष 2014 में प्रकाशित पुस्तक ’आर्टिसन कैमरा’ में भी उल्लेखित किया। अपनी पुस्तक में लिखा कि श्री पंजाबी के ततसमय विवाह पूर्व ’भेजना’ एवं स्टाईलिश फोटोग्राफी विषय पर जिस प्रकार की फोटोग्राफी की उसकी मिसाल ढूंढे से नहीं मिलती है। श्री पंजाबी ग्राहकों की खुशी के लिए किस प्रकार से स्टाईलिश फोटोग्राफ खिंचने के लिए मेहनत किया करते थे। किताब में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि स्टुडियो सुहाग अभी भी एक पोर्टरेट स्टूडियो के रूप में कार्यरत है, हालांकि इसमें वर्तमान समय को दृष्टिगत रखते हुए काफी बदलाव भी किए गए है, साथ ही पिता की विरासत को आगे बढाते हुए श्री पंजाबी के पुत्र प्रतीक पंजाबी डिजिटल फोटोग्राफी में महारत हांसिल कर रहे हैं।
लंदन के विद्यार्थी भी पढ रहे पंजाबी के बारे में वर्ष 2013 में लंदन के प्रोफेसर पिन्नी ने रिसर्च के आधार पर श्री पंजाबी पर आर्टिस्ट एंड कैमरा नामक पुस्तक लिखी थी। पिन्नी 2009 में भी भारतीय फोटोग्राफरों के सामाजिक जीवन पर किताब कैमरा इंडिका में पंजाबी के छायाचित्रों का उल्लेख कर चुके हैं। इस किताब में देश के चुनिंदा 10 फोटोग्राफरों की कला पर प्रकाश डाला गया है। इन दोनों के माध्यम से पिन्नी विद्यार्थीयों को हिस्ट्री आॅफ फोटोग्राफी पढा चुके हैं।
पुरस्कार से भी हुए सम्मानित श्री पंजाबी की कलात्मक फोटोग्राफी ने अपनी एक अलग ही पहचान नागदा ही नहीं वरन् दूर-दूर तक बनाई है। वर्ष 2014 में नई दिल्ली में आयोजित विश्व स्तरीय हेरिटेज आर्ट गैलरी में उनके 10 सर्वश्रेष्ठ फोटो को प्रदर्शित किया गया था तथा उन्हें इस हेतु 1 लाख 25 हजार का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।